मन की बात

कभी खुद से भी मिला कीजिये...

न चादर बड़ी कीजिये,  न ख्वाहिशें दफन कीजिये,  चार दिन की  है  ज़िन्दगी,  बस चैन से बसर कीजिये... न परेशान किसी को कीजिय…

यह मुश्किल नहीं है...

संसार में सबसे मुश्किल चीज़ है खुद को बताना...  कि यह ज़रा भी मुश्किल नहीं है। जल्दी जागना मुश्किल नहीं है, पैसे बनाना …

मुसीबत में कोई नहीं

मुसीबत में कोई नहीं... सीता के रखवाले राम थे, जब हरण हुआ तब कोई नहीं... द्रौपदी के पाँच पाण्डव, जब चीर हरा तब कोई नहीं.…

पिता

कभी खामोश रहता है, कभी आवाज बनता है, पिता हर पल में संजीवनी है, हर जज़्बात में रंग भरता है। उसके हाथों में देखी है, मैं…

आहिस्ता चल जिंदगी...

आहिस्ता चल जिंदगी, अभी कई कर्ज चुकाना बाकी है कुछ दर्द मिटाना बाकी है कुछ फर्ज निभाना बाकी है      रफ़्तार में तेरे चलने…

काश मुझको पता होता...!

काश मुझको पता होता... कि कितना आसान है  बचपन वाली कच्ची उम्र में  रेत के घर बनाना,  नंगे पांव मिट्टी में खेलना,  बारिश …

तो रोइए ना... मना किसने किया है ?

तो रोइए ना... मना किसने किया है ? आँसुओं को दबाने से एक दिन भावनाओं की वह बाढ़ आ सकती है जो परिवार की और आपके आस पास के…

सभ्य समाज के लिए घातक है यह खबर...

सभ्य समाज के लिए घातक है यह खबर...      यह बात किसी से छिपी नही है, कि अपने पद व प्रभाव की आड़ में कईं लोग अपने अधीनस्थो…

जीवन - एक लघु कथा

समुद्र के किनारे जब एक लहर आयी तो एक बच्चे का चप्पल ही अपने साथ बहा ले गई ।  बच्चा रेत पर अंगुली से लिखता है "समुद…

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