जीवन नहीं मरा करता

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छिप-छिपकर अश्रु बहाने वालो ! 
मोती जैसी अश्रु व्यर्थ लुटाने वालो ! 
कुछ सपनों के मर जाने से, 
जीवन नहीं मरा करता...।।

सपना क्या है ? नयन-सेज पर...
सोया हुआ आँख का पानी, 
और टूटना है उसका ज्यों
जागे कच्ची नींद जवानी  ।।

गीली उमर बनाने वालो ! 
डूबे बिना नहाने वालो ! 
कुछ पानी के बह जाने से 
सावन नहीं मरा करता ।।

माला बिखर गई तो क्या है ? 
खुद ही हल हो गई समस्या। 
आँसू गर नीलाम हुए तो 
समझो पूरी हुई समस्या ।।

रूठे दिवस मनाने वालो ! 
फटी कमीज़ सिलाने वालो ! 
कुछ दीयों के बुझ जाने से 
आँगन नहीं मरा करता ।।

कुछ सपनों के मर जाने से, 
जीवन नहीं मरा करता.....
* * *
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