छिप-छिपकर अश्रु बहाने वालो !
मोती जैसी अश्रु व्यर्थ लुटाने वालो !
कुछ सपनों के मर जाने से,
जीवन नहीं मरा करता...।।
सपना क्या है ? नयन-सेज पर...
सोया हुआ आँख का पानी,
और टूटना है उसका ज्यों
जागे कच्ची नींद जवानी ।।
गीली उमर बनाने वालो !
डूबे बिना नहाने वालो !
कुछ पानी के बह जाने से
सावन नहीं मरा करता ।।
माला बिखर गई तो क्या है ?
खुद ही हल हो गई समस्या।
आँसू गर नीलाम हुए तो
समझो पूरी हुई समस्या ।।
रूठे दिवस मनाने वालो !
फटी कमीज़ सिलाने वालो !
कुछ दीयों के बुझ जाने से
आँगन नहीं मरा करता ।।
कुछ सपनों के मर जाने से,
जीवन नहीं मरा करता.....
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