कभी खुद से भी मिला कीजिये...

0


न चादर बड़ी कीजिये, 

न ख्वाहिशें दफन कीजिये, 

चार दिन की है ज़िन्दगी, 

बस चैन से बसर कीजिये...


न परेशान किसी को कीजिये, 

न हैरान किसी से आप होइए, 

कोई लाख बोले गलत तो भी, 

बस मुस्कुरा कर छोड़ दीजिये...


इसकी भी सुना किजिए, 

उसकी भी सुना किजिए, 

न रूठा किसी से कीजिये, 

न झूठा वादा किसी से कीजिये, 


राह अपनी चलते रहिए,

मंजिल ना भुला किजिए,

फुरसत के कुछ पल निकालकर,

कभी खुद से भी मिला कीजिये...


* * *

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)