तू अगर हौसला करके चलता रहा...

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तू अगर हौसला करके चलता रहा...

रास्ते खुद-ब-खुद ही निकल आयेंगें।

आग पानी मे भी लग जायेगी यार, 

एक पल मे ये मौसम बदल जांयेगें।

ऊंचे नीचे बहुत है यहां रास्ते, 

पर बना है ये पथ चलने के वास्ते।

तू अगर फैसला करके चलता रहा...

दुख के मंजर ये सुख मे बदल जायेगें।

वक्त की इस अदा को तू पहचान ले,

ये सफर पूरा करना है तू ठान ले।

ताल से सुर मिला के जो चलता रहा, 

खुद-ब-खुद ही कई गीत बन जायेगें।

आज तेरा सफर है ये कांटो भरा, 

होगा स्वागत मे कल सारा जग ये खड़ा।

सारी मुश्किल ये तेरी गुजर जायेगी, 

सारे अरमान साकार हो जायेंगें।

तू अगर हौसला करके चलता रहा...

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